हेलो दोस्तों हम इस आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं बवासीर के बारे में तो इस आर्टिकल को नीचे तक पढ़ने के बाद ही आपको पूरी जानकारी मिलेगी
बवासीर होने के लक्षण
वास्तव में बवासीर कोई स्वतंत्र रोग नहीं है बल्कि पुरानी कब्ज वादी बार-बार गर्भ धारण अधिक मेहनत वह ऐसे कार्य जिसमें लगातार बैठकर या खड़े रहकर कार्य करना पड़े बवासीर रोग कहलाता है विशेषज्ञ विशेषता अग्नामंद हो जाता है पेट में गैस वायु की उपस्थिति होती है यकृत लीवर कमजोर हो जाता है जिससे पित्त का स्श्राव कम हो जाता है इस कारण से मलद्वार के आस पास के नसों में सिकुड़न फैलाव आ जाता है इससे नसों के सिरे पर दबाव के कारण फूलकर मस्सों का रूप ले लेते हैं
बवासीर कितने प्रकार का होते हैं
मुख्यतः बवासीर दो प्रकार के होते हैं
- खूनी बवासीर
- बादी बवासीर
खूनी बवासीर – खूनी बवासीर होता वह है जिसमें लैट्रिन करते समय या मल त्यागते समय लाल कलर या खून जैसा लैट्रिन करते समय खून आने लगता है जिसमें मस्से छिल जाते हैं उसको ही खूनी बवासीर कहते हैं
बादी बवासीर
बादी बवासीर – उन मस्सों में सुई चुभने जैसा दर्द होता रहता है या मल द्वारा के आसपास जलन सी होती रहती है वह मल त्यागने में दिक्कत होती है इस प्रकार की तकलीफ को बादी बवासीर कहते हैं एवं कभी-कभी माल त्यागते वक्त जोर लगाने से मास से चल जाते हैं और रक्त बहने लगता है इस प्रकार के रोग को खूनी बवासीर कहते हैं आधुनिक शिक्षा पद्धति में इस बीमारी का इलाज ऑपरेशन द्वारा बताया गया है लेकिन आयुर्वेदिक में इसका इलाज जड़ी बूटियां से हो सकता है
बवासीर से छुटकारा कैसे पाएं
खूनी बवासीर यह बड़ी बवासीर दोनों प्रकार की बवासीर से छुटकारा पाने के लिए कब्ज का दूर होना अति आवश्यक है आते भोजन समय-समय पर हल्का भोजन करना बवासीर के लिए बहुत ही लाभदायक हो सकता है खासकर बवासीर खानपान के ही वजह से बड़ी की चीज दिन में दो-चार बार खाना खाना थोड़ी-थोड़ी चीज खाना जिससे पेट में बड़ी रहने लगती है उसके कारण बवासीर हो जाते हैं
एक्शन पाइल्स आफ़ कैप्सूल आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां से का एक संतुलित योग है जो की कब्ज में राहत देकर मलद्वार की नसों को संतुलित करता है इसके सेवन से अगेन प्रदीप होती है और वायु का अनु रोमन होता है खाने का मतलब गैस की कमी हो जाती है मास सूख जाते हैं एवं उनसे खून गिरना बंद हो जाता है तथा शारीरिक बाल में वृद्धि होती है अतः इसके संपूर्ण कोर्स से बवासीर में पूर्णतया आराम मिलता है
बवासीर में इन चीज़ों से हो सकता है बड़ा नुकसान
- बवासीर के लिए उड़द की दाल नुकसान दायक है
- देर रात जागने से
- अंडा मीट चाय काफी गर्म चीजों को सेवन करना बंद कर दे
- मसालेदार तीखी सब्जियां न खाएं
- मेदे से बनी हुई चीज ना खाएं
- तेल या अचार
- बड़ी वाली चीज बिल्कुल ना खाएं
बवासीर में क्या-क्या खाना चाहिए
पूरे आर्टिकल में एक ही बात देखने को अधिकतर है मिल रही होगी कब्जी कब्जी कब्जी अगर आपके पेट में कब्जी है तो पहले तो उसको दूर करें आपके बवासीर में तुरंत तीन से चार दिन में आराम मिलना शुरू हो जाएगा और खाने में हरी सब्जी पत्तेदार सब्जी में मट्ठा मौसमी फल ऐसा भोजन खाने से जो भोजन पच सके छिलके वाली मूंग की दाल दलिया गेहूं में जो की मिश्रण आटे का प्रयोग कर सकते हैं जिससे बचाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी हल्का भोजन दलिया जैसे भोजन का सेवन अवश्य करें जिससे आपके पेट का दर्द या मस्सों में दर्द कम हो सके
फाइल्स का कैप्सूल
एक्शन फार्मास्यूटिकल कंपनी का एक आयुर्वेदिक प्रोडक्ट है या दवा है जिसको खाने से आपको बवासीर फिशर भगंदर जैसी शिकायतों में बहुत आराम दिलाने का मात्र एक जादू की तरह काम करता है जो सूजन और मस्से को काम करता है पीड़ा दर्द जलन समाप्त करता है रक्त आना बंद करता है फिशर में लाभदायक पाचन क्षमता बढ़ाता है कब्ज को दूर करने का सहयोग करता है
पाइल्स आफ़ कैप्सूल का सेवन कैसे करें
एक या दो कैप्सूल सुबह और शाम को लगातार 40 दिनों तक सेवन करें या चिकित्सट के परामर्शनुसार
अगर बवासीर के मस्सों में बहुत ज्यादा तकलीफ या दर्द से परेशान हैं तो शाम को सोते समय मल द्वार में घी लगाकर सोना चाहिए जिससे अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा
सुबह मल त्यागने से पहले गुनगुना पानी जितना पी सके उतना पीने के बाद टहलकर थोड़ा-थोड़ा टहलने के बाद मल त्याग करें जिससे पेट अच्छे तरीके से साफ हो सके
सुबह जागने के बाद 1 किलोमीटर तक टहलने जरूर जाएं जिससे शरीर स्फूर्ति में फुर्ती महसूस हो सके
सुबह जागने के बाद बाद एक्सरसाइज या योगासन जरूर करें दो या तीन जोग जरूर करें जिससे माल त्यागते समय पेट पूरी तरह साफ हो सके
इस दवा में डाली गई जड़ी बूटियां
इस कैप्सूल में डाली गई डाली गई दवाइयां पूरी तरह आयुर्वेदिक है जो शरीर में अत्यधिक लाभ पहुंचाने का काम करती हैं जिससे शरीर में कोई भी नुकसान नहीं होता है ना ही कोई साइड इफेक्ट है एक असर कारक हर्बल उपचार दवा है जिससे बवासीर फैसल भगंदर जैसी समस्याओं का शीघ्र लाभ मिलता है तो फिर देर किस बात की आज ही मेडिकल स्टोर पर जाएं और इस क्रिया पाइल्स ऑफ कैप्सूल को लेकर आना है शाम से स्टार्टिंग कर दें कैप्सूल सुबह नाश्ते से पहले और रात को सोने से पहले या परामर्श के अनुसार एक्शन फार्मा में इस कैप्सूल को कंपनी में बनाकर रेडी किया है
- हल्दी 35 मिलीग्राम
- पीपल 25 मिलीग्राम
- महानिम्ब 40 मिलीग्राम
- मेथी 20 मिलीग्राम
- सोठ 40 मिलीग्राम
- गिलोय 30 मिलीग्राम
- बाल पर्पटी 35 मिलीग्राम
जय हिंद जय भारत जय संविधान